Bageshwar Dham Sarkar
महाराज धीरेन्द्र कृष्ण जी कौन है who is Dhrendra Krishna Shastari
जब से बाबा जी ने अपना दरबार जगह जगह लगाना शुरू किया तब से बागेश्वर धाम वाले बाबा महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी को पूरी दुनिया से लोग जाने लगे है। महाराज जी अपने धाम पर बालाजी का दरबार लगता है तथा हनुमान जी को अपना सबकुछ मानते है इसलिए यहां हजारों की संख्या में लोग आकर दर्शन करते है। भारत ही नहीं विदेशी भी यहां आकर बालाजी के दर्शन करते है। इस धाम का कार्यभार धीरेन्द्र कृष्ण जी संभालते है। इसलिए इन्हें बागेश्वर महाराज और बालाजी महाराज के नाम से और चमत्कारी बाबा के नाम से जाने जाने लगे है। धीरेन्द्र कृष्ण को हनुमान जी का परम भगत मानते है।
धीरेंद्र कृष्ण जी महाराज मध्य प्रदेश ज़िला बुंदेल खंड के गढा नामक गाव मैं हनुमान जी की पूजा पाठ करते है हनुमान जी का ये मंदिर कई वर्षों पुराना है और धीरेन्द्र कृष्ण की पिछली 3-4 पीढ़ियां इस मंदिर में पूजारी रही है। धीरेन्द्र कृष्ण जी के दादा जी ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था। इस दरबार में काफी सालों से विशाल दरबार लगता है और लाखों की संख्या में यहां श्रद्धालु आते है।जब से संस्कार टीवी ने उनकी कथा को अपने टीवी पर दिखाना शुरू किया तब से महाराज जी विश्वविख्यात हो गया।
धीरेन्द्र कृष्ण महाराज जी बागेश्वर धाम दरबार को 2003 से संभाल रहें है। इन्होंने 9 वर्ष के उम्र में हनुमान जी की पूजा करनी शुरू कर दी थी। इन्होंने आज तक अपने सभी कर्तव्यों का पालन किया है जैसे इनके पूर्वज करते आए है। इन्होंने अपने प्रवचनों से श्रद्धालु की श्रद्धा को और ज्यादा मजबूत किया है। धीरेन्द्र कृष्ण ने बचपन से ही हनुमान जी को अपना सब कुछ अर्पित कर दिया। इनका ध्यान खेलकूद की तरफ भी नहीं गया, ये सिर्फ हनुमान जी के पूजा में लीन रहते थे।आज सभी लोग इनको अपना गुरु मानते है और इनके दर्शन और प्रवचनों को सुनने के लिए बड़ी संख्या में इकट्ठे होते है। इनकी लोकप्रियता का राज यही है कि ये सच्चे मन से ईश्वर से जुड़े हुए है।
धीरेन्द्र कृष्ण महाराज जी का जीवन What is Bageshwar Dham famous for
धीरेंद्र जी का जन्म 4 जुलाई 1996 को मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड जिले के गड़ा नामक गांव में हुआ। इनके पिता का नाम राम करपाल गर्ग और माता का नाम सरोज गर्ग है। इन्होंने अपने बचपन गड़ा गांव में ही बिताया है। इन्होंने अपने जीवन में सबसे पहले अपने दादा से सीखना शुरू किया था जिसका नाम भगवान दास गर्ग था। इन्होंने ही धीरेन्द्र को रामायण और भागवत गीता पढ़ना सीखाया। धीरेन्द्र का परिवार गरीब था।धीरेन्द्र वृंदावन में जाकर कर्मकांड पढ़ना चाहते थे लेकिन उनके पिता के पास पैसे नहीं थे इसलिए वो नहीं जा पाए। इसके बाद धीरेन्द्र मंदिर में बैठकर ही हनुमान की ध्यान करते थे।महाराज जी हनुमान जी का दव्य दरबार लगता है।जिसे बागेश्वर धाम के महाराज और बालाजी महाराज के नाम से जाना जाता है।
बागेश्वर धाम के महाराज जी Where is Bageshwar Dham in India?
मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड जिले में एक गड़ा नाम का गांव है, उसके पास बागेश्वर धाम स्थित है। यहाँ हनुमानजी का मंदिर है। इस मंदिर के पास धीरेंद्र कृष्ण के दादाजी और गुरुजी की समाधि बनी हुई है। लोग यहां मंगलवार के दिन आकर अर्जी लगाते है। मंगलवार के अतिरिक्त किसी भी दिन यहां अर्जी नहीं लगाई जाती है क्योंकि मगंलवार ही बालाजी का वार है।
बागेश्वर मंदिर धाम के टोकन सिस्टम [How can I meet Bageshwar Dham]
बागेश्वर मंदिर धाम में मंदिर की सेवा समिति की तरफ से टोकन जारी किये जाते हैं। यदि आप पहली बार मंदिर में दर्शन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सेवा समिति के कर्मचारियों से टोकन लेना होगा। टोकन लेने के लिए अपने मोबाइल नंबर और नाम की जानकारी देनी पड़ती है।
बागेश्वर बालाजी मंत्र जाप
ओम बागेश्वराय नमः
मंत्र का जाप करके बागेश्वर धाम की महिमा को प्राप्त कर सकते हैं।
बागेश्वर धाम मध्यप्रदेश में एक बहुत ही महत्वपूर्ण पवित्र धार्मिक स्थल माना जाता है। यहां पर श्री हनुमान जी महाराज का एक और स्वरूप श्री बागेश्वर धाम बालाजी महाराज का एक पवित्र स्थल है। दोस्तो अगर ट्रेन से बागेश्वर धाम जाना चाहते है तो बागेश्वर धाम का सबसे नजदीकी और बड़ा रेलवे स्टेशन खजुराहो रेलवे स्टेशन है, जो बागेश्वर धाम से लगभग 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। बागेश्वर धाम अभी तक सीधे रेल मार्ग से जुड़ा नहीं है इसलिए हमें मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध स्थान खजुराहो के लिए ट्रेन पकडनी पड़ेगी।
अगर आप बस से जाना चाहते हो तो आपको यह जानकारी होनी चाहिए कि बागेश्वर धाम सरकार एक छोटे-से गांव में स्थित है, जिसकी वजह से मध्य प्रदेश के भी सभी शहरों से बस द्वारा बागेश्वर धाम नहीं पहुंचा जा सकता है। आपको खजुराहो के लिए अपने शहर से बस पकड़ सकते हैं। खजुराहो से बागेश्वर धाम जाने के लिए आपको ऑटो वगेरह आसानी से मिल जाएगी।
धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी का प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा
महाराज धीरेन्द्र कृष्ण के पहले गुरू उनके दादा थे। इनके दादाजी को संस्कृत भाषा अच्छे से आती थी और ये इसमें विद्वान थे। इनके दादाजी महाभारत, रामायण, भागवत कथा और पुराण महाकाव्य का दरबार लगाते थे। इसी कारण लोग इन्हें अपना गुरू मानते थे। धीरेन्द्र कृष्ण ने रामायण और महाभारत का ज्ञान अपने दादाजी से ही लिया। फिर धीरेन्द्र कृष्ण स्कूल जाने लगे। धीरेन्द्र कृष्ण जी गरीब परिवार से थे। इसलिए वे सरकारी स्कूल में जाते थे।
सरकारी स्कूल में इन्होंने 8वीं पास की, लेकिन सरकारी स्कूल 8वीं तक ही था इसलिए इन्हें 5 किलोमीटर दूर गंज नामक गाँव में शिक्षा ग्रहण करने जाना पड़ता था। धीरेन्द्र हमेशा पैदल स्कूल जाते थे। लेकिन ये कभी-कभी ही स्कूल जाते थे। एक महीने में लगभग 5-6 बार ही स्कूल जाते थे। धीरेन्द्र कृष्ण ने 12 साल की उम्र में ही प्रवचन देने शुरू कर दिया था। वे अपने दिन का सर्वाधिक समय हनुमान जी की साधना में लगाते थे। इसी के परिणामस्वरूप इन्हें कई सिद्धियां प्राप्त हुई है। गंज गांव के स्कूल में इन्होंने 12वीं पास की और बाद में इन्होंने स्नातक स्तर की पढ़ाई करनी चाही। लेकिन रेगुलर पढ़ाई करना इनके लिए मुश्किल था इसलिए इन्होंने अपनी पढ़ाई प्रोइवेट करने की सोची। और अपना दाखिला बी ए में करवा लिया लेकिन वे कॉलेज नहीं जाते थे। धीरेन्द्र के दोस्त अच्छे कॉलेजों में शिक्षा ले रहे थे लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण धीरेन्द्र ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इसी दौरान इनका झुकाव पढ़ाई से हटकर मानव सेवा की ओर चला गया और इन्होंने आगे पढ़ाई नहीं की।
क्यों कहते है लोग चमत्कारी महाराज Why is Bageshwar Dham famous
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को लोग चमत्कारी महाराज के नाम से पुकारते है। इसका कारण यह है कि लोग मानते है कि इनके दरबार में लगाई हुई अर्जी कभी विफल नहीं होती है। इनसे मिलने के लिए अर्जी लगानी पड़ती है या आप टोकन भी ले सकते है। धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी व्यक्ति की समस्या बताने से पहले ही बता देते है कि उसकी समस्या क्या है। अनजान व्यक्ति का नाम बताना आसान नहीं होता है लेकिन धीरेन्द्र कृष्ण महाराज नाम लेके बुलाते है इस नाम वाले ब्यक्ति की अर्ज़ी स्वीकार हुई है कृपया मेरे पास आ जाओ। आपकी अर्जी आ गई है। इसी तरह इनके द्वारा बहुत सारे कार्य किए गए है इसलिए लोग इन्हें चमत्कारी महाराज के नाम से बुलाते है।
धीरेन्द्र कृष्ण का भव्य दरबार मैं खुला चेलेज मीडिया के सामने
एक बार महाराज जी का दरबार रायपुर मैं लगा हुआ था तो कुछ मीडिया कर्मी उनकी छुप से रिपोर्टिग कर के अपने न्यूज़ पर ब्रेकिंग न्यूज़ चलाने के लिये तथा उनकी पोल खोले रायपुर मैं जहां गुरु जी ने दरबार लगाया वहाँ पहुँच। और अपनी रिपोर्टिंग करने लगे। महाराज जी को आभास हुआ तो उन्होंने दरबार मैं मीडिया कर्मीयो को खुला चैलेंज दे दिया कि आप सब लो आपस मैं बात कर लो और अपने 2 रिपोर्टर को हमसे से बात के लिए भेजो लेकिन सभी रिपार्टर एकदूसरे को देखने लगे तो उन मिन से कुछ रिपोर्टर बोले महाराज जी आप ही डिसाइड कर को वो दो रिपोर्टर जो आप से सवाल जवाब कर सकते है इस दोरान महाराज जी ने सर्व सहमति से 1 लड़की रिपोर्टर और 1 लड़का रिपोर्टर को चुना। फिर पहले लड़की रिपोर्टर से कहा पहले मैं पर्चा बना लेता हूँ 1 नहीं 2 नहीं बल्कि की 3 पर्चे बनाये। जब तीनों पर्चे बन गये तो बाबा जी बोले मैडम पंडाल से 3 किसी को भी उठा लाओ आप जिसको लाओगे पर्चा उसी का निकलेगा। हा एक और महाराज जी ने उन 3 पर्चे पर नंबर भी लगा दिया 1,2,3, और बोला आप जिस ब्यक्ति को जो नंबर बोलोगी वही पर्चा निकलेगा । जब बाद मैं लड़की रिपोर्टर भीड़ मैं से तीन आदमी को ले कर आयी तो बाबा जी ने बोला कि आप बताओ किसका पर्चा खोलना है और कितने नंबर का। जब लड़की रिपोर्टर ने नंबर और लड़ने को आगे किया तो जो पर्चा बोला था वो पर्चा उसी ब्यक्ति कि निकाला सब रिपोर्टर हक्के बक्के रह गये। भला ऐसा भी कोई कर सकता है क्या। सब का विज्ञान धारा कि धारा रहक गया l
महाराज के बारे मैं कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य
- धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बागेश्वर महाराज और बालाजी के परम भक्त के नाम से जाना जाता है।
- धीरेंद्र कृष्ण जी बचपन में अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए भिक्षा मांगते थे और आज भी वे भिक्षा मांगते है।
- धीरेंद्र कृष्ण अपने चमत्कार के लिए प्रसिद्ध है जो किसी भी अनजान व्यक्ति के बारे में पहले ही एक पर्चे में लिख देते है। उनका दरबार लगता रहता है जगह जगह
- बागेश्वर वाले बाबा जी अभी कुँवारे है।
- बागेश्वर धाम के पूजारी के रूप में ये रामकथा और श्री भागवत कथा कहते है।
- बागेश्वर धाम में लगी अर्जी कभी विफल नहीं होती है।
निष्कर्ष
धीरेन्द्र कृष्ण जी महाराज को सनातन धर्म की गरिमा तथा उस की अखंडता को दरसाते हुए अपना कार्य कर रहे है। आज महाराज जी पूरी दुनिया को ये बता रहे की आख़िर सनतन की कितनी ताक़त होती। एक चमत्कारी बाबा की नज़र नहीं बल को अपनी साधना से उन्होंने ये सिद्धि प्राप्त की है। महराज जी जो कुछ करते है सबके सामने करते है, किसी से कुछ छिपाते नहीं।










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