मैं भारत के प्रधान मंत्री को कैसे लिख सकता हूँ [PM Narendra Modi]

भारत के पावर फुल प्राइम मिनिस्टर के बारे में पढ़ें, उनकी फुल जानकारी........Read about Powerful Prime Minister of India, their full information........

भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री और वर्ड लीडर नरेंद्र दामोदरदास मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950  को वड़नगर मेहसाना गुजरात मैं हुआ था इनके पिता जी का नाम दामोदरदास मूलचंददास मोदी था। तथा इनकी माताजी का नाम हीराबेन दामोदरदास मोदी था ये देश के 14वें प्रधान मंत्री हैं, जिन्होंने 2014 में और फिर 2019 में भारतीय जनता पार्टी की प्रभावशाली जीत का नेतृत्व किया। इस से पहले वो गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके थे 

मोदी जी भारत के प्रधानमन्त्री पद पर आसीन होने वाले स्वतन्त्र भारत में जन्मे प्रथम व्यक्ति हैं। मोदी के बारे में एक दिलचस्प तथ्य यह है कि वह पहली बार विधायक के रूप में गुजरात के मुख्यमंत्री बने। इसी तरह वह पहली बार सांसद के रूप में सीधे भारत के प्रधान मंत्री बने। 2014 मैं उनहूने पहली बार वाराणसी से संसद का चुनाव 2014 मैं लड़ा और बीजेपी की बहुमत से जीत के लिये मोदी को श्रेय दिया जाता है और यह साल 1984 के बाद पहली बार हुआ। मोदी का जन्म वडनगर में एक गुजराती परिवार में हुआ था, बचपन में वो चाय बेचने में अपने पिता की मदद करते थे और बाद में खुद का चाय स्टॉल भी चलाया। मोदी जी 8 साल की उम्र में आरएसएस के संपर्क में आए और यहां से संगठन के साथ एक लंबा साथ शुरू हुआ। वो साल 1985 में बीजेपी में शामिल हो गए। आरएसएस के साथ लंबे समय तक रहने के बाद, भारतीय जनता पार्टी में आये और फिर उनके राजनीतिक सफर में तब तीव्र गति आयी, जब वे गुजरात के मुख्‍यमंत्री चुने गये। मोदीजी ने अपनी शिक्षा गुजरात विश्वविद्यालय से post graduate किया । वो हमेसा से एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप मैं अपना योगदान देते रहे है । 

भारत के सबसे मजबूत प्रधान मंत्री का पारिवारिक जीवन [Family Life of strongest prime minister of India]

मैं भारत के प्रधान मंत्री को कैसे लिख सकता हूँ  [PM Narendra Modi]

Hindu परंपरा के अनुसार, मोदी की शादी उनके माता-पिता ने तब की थी जब वह एक बच्चे थे। वह 13 साल की उम्र में जसोदबेन मोदी से सगाई कर रहे थे, जब वह 18 साल की थीं, तब उन्होंने उनसे शादी की। उन्होंने दो साल का समय साथ-साथ बिताया। कथित तौर पर, उनकी शादी कभी नहीं हुई थी, और उन्होंने इसे गुप्त रखा क्योंकि अन्यथा, वह शुद्ध राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में 'प्रचारक' (उपदेशक) नहीं बन सकते थे। मोदी ने अपने करियर के अधिकांश समय के लिए अपनी शादी को गुप्त रखा। उन्होंने पहली बार अपनी पत्नी को स्वीकार किया जब उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। मोदी ने अपनी मां हीराबेन के साथ करीबी रिश्ता कायम रखा।

भारत के 15वें प्रधान मंत्री की रोचक तथ्य [Interesting facts about the 15th Prime Minister of India]

जब मोदी 8 साल के थे, तो वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संपर्क में आए। साल 1970 में 20 साल की उम्र में, वह आरएसएस से इतना प्रभावित थे कि पूरी तरह से आरएसएस प्रचारक बन गये और 1971 में मोदी औपचारिक रूप से आरएसएस में शामिल हो गये। 

भारत के शक्तिशाली प्रधानमंत्री की राजनीतिक घटनाएँ [Political events of the Powerful Prime Minister of India]:-

2019:-  30 मई को नरेंद्र मोदी ने फिर से प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और 31 मई को कैबिनेट का विस्‍तार किया। पीएमओ के अलावा डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी, मिनिस्‍ट्री ऑफ पर्सनल, पब्लिक ग्रिएवांसेस एंड पेंशन, डिपार्टमेंट ऑफ स्‍पेस और वो सभी मंत्रालय स्‍वयं के पास रखे, जो किसी अन्‍य मंत्री को आवंटित नहीं हुए। 

2019 :-  23 मई को नरेंद्र मोदी एक बार फिर वाराणसी से सांसद चुने गये। उन्‍होंने लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट पर कांग्रेस के नेता अजय राय को हराया। इसी जीत के साथ उन्‍हें फिर से भारत का प्रधानमंत्री चुना गया। 

2014 :-  नरेंद्र मोदी 14वें और भारत के वर्तमान प्रधान मंत्री के रूप में चुने गए। मोदी ने 26 मई 2014 को भारत के प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली थी। वह ब्रिटिश साम्राज्य से भारत की आजादी के बाद पैदा हुए पहले प्रधान मंत्री बने।
मैं भारत के प्रधान मंत्री को कैसे लिख सकता हूँ

2012:-  मोदी फिर से मणिनगर से चुने गए। इस बार उन्होंने भट्ट श्वेता संजीव को 34097 मतों से पराजित किया। उन्होंने फिर से मुख्यमंत्री के रूप में चौथे कार्यकाल के लिये शपथ ली। बाद में उन्होंने 2014 में विधानसभा से इस्तीफा दे दिया।

2007:-  23 दिसंबर 2007 को, मुख्यमंत्री के रूप में मोदी का तीसरा कार्यकाल शुरू हुआ और 20 दिसंबर 2012 को पूरा हुआ। इस बार फिर उन्हें मणिनगर से जीत हासिल हुई। उन्होंने कांग्रेस के दिनशा पटेल को हराया।

2002:-  2002 में उन्होंने मणिनगर से चुनाव लड़ा और बेहतरीन जीत दर्ज की। उन्होंने कांग्रेस के ओझा यतिनभाई नरेंद्र कुमार को 38256 मतों से पराजित किया। उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में दूसरी पारी के लिये भी चुना गया।

2001 :- केशुभाई पटेल का स्वास्थ्य खराब हुआ और बीजेपी ने उप-चुनावों में कुछ राज्य विधानसभा सीटें खो दी। बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने पटेल की जगह मोदी को गुजरात के मुख्यमंत्री की कमान सौंप दी। 7 अक्टूबर 2001 को मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। 24 फरवरी 2002 को, उन्होंने राजकोट - द्वितीय निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव जीता। उन्होंने कांग्रेस के अश्विन मेहता को 14,728 मतों से पराजित किया। यह उनकी पहली और बहुत छोटी समयसीमा थी।

1995 :- वह भाजपा के राष्ट्रीय सचिव चुने गए और नई दिल्ली चले गए। उन्होंने हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के चुनाव अभियान का नेतृत्व किया। मोदी को 1996 में बीजेपी के महासचिव (संगठन) के रूप में पदोन्नत दिया गया।

1990 :- मोदी ने 1990 में लालकृष्ण आडवाणी की राम रथ यात्रा और 1991 में मुरली मनोहर जोशी की एकता यात्रा आयोजित करने में मदद की।

1987 :-  मोदी को बीजेपी की गुजरात इकाई के ऑर्गेनाइजिंग सचिव के रूप में निर्वाचित किया गया था।

1986 :- एल के आडवाणी के बाद, मोदी भाजपा के अध्यक्ष बने। उस समय आरएसएस ने बीजेपी के भीतर अपने सदस्यों को महत्वपूर्ण पदों पर रखने का फैसला किया।

1985 :- मोदी को आरएसएस ने बीजेपी को सौंपा था। बाद में 1987 में मोदी ने अहमदाबाद नगरपालिका चुनाव में बीजेपी के अभियान को व्यवस्थित करने में मदद की और बीजेपी ने चुनाव में जीत दर्ज की।

1979 :- 1979 में वह आरएसएस संभग प्रचारक बन गए। सूरत और वडोदरा के क्षेत्रों में आरएसएस गतिविधियों से जुड़ गये। वह दिल्ली में आरएसएस के लिए काम करने गये। जहां उन्हें आपातकाल के इतिहास के बारे में आरएसएस के संस्करण का शोध और लेखन के लिए रखा गया था। 

1978 :- वे आरएसएस के संभाग प्रचारक बने। सूरत एवं वडोदरा में होने वाले संघ के कार्यक्रमों में वे बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने लगे।

1975 :- आरएसएस द्वारा नरेंद्र मोदी को "गुजरात लोक संघ समिति" का महासचिव नियुक्त किया गया था। आपातकाल के दौरान, गिरफ्तारी से बचने के लिए मोदी को अंडरग्राउंड होने के लिए मजबूर होना पड़ा। वह सरकार का विरोध करने वाली पैम्फलेट की प्रिंटिंग में शामिल थे।

भारत के लगातार दूसरी बार बने प्रधान मंत्री की उपलब्धियां[Achievements of the second consecutive Prime Minister of India]
मैं भारत के प्रधान मंत्री को कैसे लिख सकता हूँ

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ साल 2007 के एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण में मोदी सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री साबित हुए। टाइम मैगजीन के एशियाई संस्करण के कवर पेज पर दिखाई दिये। 2014 में सीएनएन-आईबीएन न्यूज नेटवर्क द्वारा इंडियन ऑफ द ईयर चुने गये। वह 2014, 2015 और 2017 में टाइम मैगजीन के विश्व में 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में से एक थे। 2014 और 2016 में टाइम मैगजीन रीडर्स पोल में मोदी को ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ यानि कि साल के सबसे प्रभावशाली व्यक्ति का खिताब हासिल किया 

टाइम मैगजीन ने उन्हें साल 2014 में दुनिया का 15वां सबसे शक्तिशाली व्यक्ति माना। उन्हें 2015, 2016 और 2018 में दुनिया में 9वें सबसेशक्तिशाली व्यक्ति का दर्जा मिला। 2015 में मोदी "फॉर्च्यून मैगजीन की" दुनिया के सबसे महान नेताओं "की पहली वार्षिक सूची में पांचवें स्थान पर थे। अपनी प्रीमियरशिप के दौरान, भारत 2018, में विश्व बैंक द्वारा बिजनेस रैंकिंग की लिस्ट में 100 वें स्थान पर पहुंच गया।

भारत के शक्तिशाली पीएम के लिए हिंदू राष्ट्रवाद के लिए विवाद और आलोचना [ Controversy and Criticism for Hindu Nationalism for India's Powerful PM]

27 फ़रवरी 2002 को अयोध्या से पुनः गुजरात लौट कर आ रहे कारसेवकों को गोघरा स्टेशन पर खड़ी ट्रेन में मुसलमानों की हिंसक भीड़ द्वारा आग लगा कर जिन्दा जला दिया गया। इस हादसे में 59 कारसेवको की दर्दनाक रूप से मृत्यु हो गई।रोंगटे खड़े कर देने वाली इस घटना की प्रतिक्रिया स्वरूप समूचे गुजरात में हिन्दू-मुस्लिम दंगे भड़क उठे। मरने वाले 1180 लोगों में अधिकांश संख्या अल्पसंख्यकों की थी। अनेक विपक्षी दलों ने नरेन्द्र मोदी के इस्तीफे की माँग की। मोदी ने गुजरात की दसवीं विधानसभा भंग करने की संस्तुति करते हुए राज्यपाल को अपना त्यागपत्र सौंप दिया। परिणामस्वरूप पूरे प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। राज्य में दोबारा चुनाव हुए जिसमें बीजेपी ने मोदी के नेतृत्व में विधान सभा की कुल 182 सीटों में से 127 सीटों पर जीत हासिल की।
मैं भारत के प्रधान मंत्री को कैसे लिख सकता हूँ

बाबरी मस्जिद के लिये पिछले 45 सालों से कानूनी लड़ाई लड़ रहे 92 वर्षीय मोहम्मद हाशिम अंसारी के मुताबिक भाजपा में प्रधानमन्त्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के प्रान्त गुजरात में सभी मुसलमान खुशहाल और समृद्ध हैं। जबकि इसके उलट कांग्रेस हमेशा मुस्लिमों में मोदी का भय पैदा करती रहती है।

विवाद एवं आलोचनाएँ कमजोर अर्थव्यवस्था के लिए [Controversies and Criticisms for Weak Economy]

मैं भारत के प्रधान मंत्री को कैसे लिख सकता हूँ

नरेंद्र मोदी की सरकार अच्छी आर्थिक वृद्धि के लिए जानी जाती है, लेकिन 2018 से जीएसटी और 2017 के विमुद्रीकरण जैसे कदमों के कारण, मोदी सरकार के अधीन अर्थव्यवस्था कम रही है। लेकिन आज 2023 मैं भारत की अर्थब्यव्स्था मैं तेज़ी से बृद्घि हुई है कुछ कमजोर अर्थब्यस्था का कारण रुस और Ukren मैं मचा घमासान युद्ध भी है तथा कारोना भी । फिर भी हमारा देश नई बुलंदियों को छू रहा है 

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